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Difference between written and unwritten Constitution,लिखित संविधान , अलिखित संविधान, लिखित और अलिखित संविधान में अंतर , किन देशो में है लिखित संविधान , किन देशों में अलिखित संविधान , लिखित और अलिखित संविधान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
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लिखित संविधान - Written Constitution
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि किसी देश का लिखा हुआ संविधान इसका अर्थ यह है कि इसको लिखा गया है इसका मतलब इसको लिखने वाले व्यक्ति भी होंगे इसका निर्माण संवैधानिक सभा द्वारा किया गया यह अधिनियमित होता है
इसमें राजव्यवस्था की प्रकृति के सभी विकल्प पाए जाते हैं जैसे एकात्मक संघात्मक अर्ध संघात्मक, एकात्मक में पूरे देश का शासन एक संस्था के हाथ में होता है संघात्मक में प्रदेश की सरकारें होती है
लिखित संविधान में न्यायपालिका की शक्तियां विधायिका और कार्यपालिका से तुलनात्मक रूप में ज्यादा व्यापक होती है इसका तात्पर्य यह है कि न्यायपालिका विधायिका और कार्यपालिका पर अंकुश लगा सकती है
यदि विधायिका कोई कानून बनाती है और उस कानून में कोई गड़बड़ी या किसी विशेष जाति धर्म को विशेष मानकर बनाया गया है तो न्यायपालिका कानून पर विचार कर सकती है विचार करने के बाद यदि कानून में कोई गड़बड़ी नहीं होती है तो न्यायपालिका उसको लागू कर सकती है वरना उसको कैंसिल भी कर सकते हैं
लिखित संविधान में संशोधन करना कठोर और लचीला दोनों होता है इसका तात्पर्य यह हुआ कि संविधान में कुछ संशोधन को करना कठिन होता है और कुछ संशोधन को करना कुछ आसान होता है
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
अमेरिका सबसे पहला लिखित संविधान अमेरिका का ही है लेकिन यह संविधान सबसे छोटा लिखित संविधान है अमेरिका का संविधान सबसे कठोर संविधान है अमेरिका के संविधान को Bill of Rights कहा जाता है
श्रीलंका का लिखित संविधान सबसे लचीला संविधान है
भारत हमारे देश का संविधान सबसे बड़ा लिखित संविधान है भारत का संविधान कठोर और लचीला दोनों प्रकार का है
जापान एशिया में सबसे पहला लिखित संविधान जापान का है
इंग्लैंड ब्रिटेन का अलिखित संविधान 1215 में मैग्नाकार्टा के रूप में जाना जाता है
अलिखत सविधान -unwritten Constitution
जैसा कि नाम से यह स्पष्ट है कि जो संविधान लिखा हुआ ना हो लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि अलिखित संविधान में कुछ लिखा हुआ ना हो अलिखित संविधान में लिखा हुआ भाग बहुत कम होता है और ना लिखा हुआ भाग बहुत ज्यादा होता है
अलिखित संविधान विकसित होता है इसको पुराने रीति-रिवाजों से जोड़ दिया जाता है और उन्हीं रीति-रिवाजों को संशोधित करके अलिखित संविधान बना दिया जाता है यह अधिनियमित नहीं होता है इसमें राज्य व्यवस्था की प्रकृति एकात्मक होती है
इसका अर्थ यह हुआ कि पूरे देश का कंट्रोल एक ही व्यक्ति अथवा एक संस्था में निहित होता है अलिखित संविधान में विधायिका को अधिक शक्तियां दी गई हैं जबकि न्यायपालिका को सीमित शक्तियां दी गई हैं इसका अर्थ यह हुआ कि यदि विधायिका कोई कानून बनाती है
तो उस कानून पर न्यायपालिका का कोई अधिकार नहीं होगा कि वह उस कानून को रद्द कर सके अलिखित संविधान में संशोधन करना सरल होता है क्योंकि इसमें संसद ही सर्व प्रधान होता हैं
Difference between written and unwritten Constitution- लिखित और अलिखित संविधान में अंतर
- लिखित और अलिखित संविधान में मात्रात्मक अंतर पाया जाता है लिखित संविधान में लिखा हुआ भाग ज्यादा होता है जबकि अलिखित संविधान में लिखा हुआ भाग कम होता है
- लिखित संविधान को लिखा जाता है अर्थात इसको किसी व्यक्ति विशेष द्वारा लिखा गया है जबकि अलिखित संविधान को पुराने रीति-रिवाजों को संशोधित करके बनाया गया है
- लिखित संविधान के लागू होने की तारीख भी होती है जबकि अलिखित संविधान में संविधान लागू होने की कोई तारीख नहीं पाई जाती है इसका असर यह हुआ कि जैसे भारत में लिखित संविधान है और संविधान लागू करने की तिथि 26 जनवरी 1950 है लेकिन इंग्लैंड में अलिखित संविधान है तो लेकिन वहां पर संविधान लागू करने की कोई तिथि नहीं है
- लिखित संविधान अधिनियमित होता है लेकिन अधिनियमित संविधान अनियमित नहीं होता है
- लिखित संविधान में राज्य व्यवस्था की प्रकृति के सभी विकल्प पाए जाते हैं जैसे एकात्मक ,संघात्मक, अर्ध संघात्मक जबकि अलिखित संविधान में राज व्यवस्था की प्रकृति एकात्मक होती है इसका असर यह हुआ कि जैसे भारत में लिखित संविधान है यहां पर केंद्र की सरकारी हैं प्रदेश की सरकारी हैं लेकिन इंग्लैंड में अलिखित संविधान है तो वहां पर सारी शक्तियां सिर्फ केंद्र के हाथों में होती हैं
- लिखित संविधान में न्यायपालिका की शक्तियां होती है वह विधायिका और कार्यपालिका से ज्यादा व्यापक होती हैं जबकि अलिखित संविधान में न्यायपालिका को सीमित शक्तियां तथा विधायिका को उससे ज्यादा शक्तियां प्राप्त होते हैं इसका असर यह हुआ कि लिखित संविधान में यदि विधायिका कोई कानून बनाती है तो न्यायपालिका उस पर अंकुश लगा सकती है लेकिन अलिखित संविधान में यदि विधायिका कोई कानून बनाती है तो उस कानून पर न्यायपालिका का कोई अधिकार नहीं होता है
- लिखित संविधान में संशोधन करना कठोर और लचीला दोनों प्रकार का पाया जाता है जबकि अलिखित संविधान में संशोधन करना सरल होता है
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