Hay guys this is Arpit Patel I have brought some important questions related to the introduction of Indian's fundamental rights for you, read this article and increase your knowledge, you read this article, if you face any problem then you can comment , if you like this article, then you can share between your friends.
मौलिक अधिकार संविधान द्वारा प्राप्त देश के नागरिकों के लिए होता हैं मौलिक अधिकार संविधान से सिर्फ प्राप्त ही नहीं होते बल्कि संविधान मौलिक अधिकारों की रक्षा भी करता है जब किसी नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन होता है तब वह नागरिक सीधे सुप्रीम कोर्ट में न्याय की मांग कर सकता है यह मौलिक अधिकारों की सुंदरता का सबसे अच्छा प्रतीक है मौलिक अधिकार संविधान के भाग तीन तथा अनुच्छेद 12 से 35 के बीच वर्णित किया गया है हमारा मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से लिया गया है अमेरिका के संविधान में मौलिक अधिकार को अधिकारों का बिल Bill of rights कहा गया है
हमारे संविधान में कितने मौलिक अधिकार है
हमारे संविधान में 7 मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है लेकिन वर्तमान में 6 मौलिक अधिकार हैं
1. समानता का अधिकार (14, 15,16,17,18)
- संविधान के आर्टिकल 14 15 16 17 और 18 में समानता के अधिकार का वर्णन किया गया है
- आर्टिकल 14 कानून के समक्ष समानता कानून की नजरों में सबको समान अधिकार दिया गया है कोई भी व्यक्ति जो अपराध करता है उससे उसके जाति धर्म के आधार पर सजा नहीं दी जाती बल्कि सबको समान सजा दी जाती है
Interesting fact
राष्ट्रपति और राज्यपाल के पद पर जो व्यक्ति है वह चाहे किसी की हत्या भी कर दी तो उस पर मुकदमा चलाना तो दूर की बात है आप उस पर F.I.R.भी नहीं कर सकते हैं यह अधिकार तब तक ही है जब तक वह व्यक्ति राष्ट्रपति और राज्यपाल के पद पर है यह मौलिक अधिकार देश के राष्ट्रपति तथा राज्य के राज्यपाल को दिए गए हैं
- कानून द्वारा सबको अधिकार जब कोई व्यक्ति अपराध करता है उसको तुरंत सजा नहीं दे सकते चाहे वह अपराध करने वाला व्यक्ति अपराध को बोल क्यों ना कर ले इसके द्वारा यह देखा जाता है कि अपराधी व्यक्ति ने अपराध किसी को बचाने या स्वयं को बचाने में या फिर अपने स्वार्थ के लिए किया है
- आर्टिकल 15 आप किसी व्यक्ति के काले, गोरे छोटे बड़े जाति और धर्म के नाम भेदभाव नहीं कर सकते है
- आर्टिकल 16 सरकारी नौकरी में सभी व्यक्ति को बराबरी का मौका दिया जाएगा चाहे वह किसी राज्य जाति धर्म समुदाय से क्यों ना हो
- आर्टिकल 17 में छुआछूत का अंत किया गया
- आर्टिकल 18 इस भाग में उपाधियों का अंत किया गया सेना की उपाधियां जैसे कर्नल कैप्टन तथा शिक्षा की उपाधियां जैसे डॉक्टर आदि लगा सकते हैं
2. स्वतंत्रता का अधिकार आर्टिकल (19 ,20 ,21 ,22)
- आर्टिकल 19 A)भाषा एवं अभिव्यक्ति का अधिकार
- आर्टिकल 19 B) इकट्ठा होने का अधिकार (शांति और बिना हथियार के)
- आर्टिकल 19 C) पार्टियां बनाने का अधिकार
- 19D) भारत के किसी क्षेत्र में आने जाने का अधिकार
- E)भारत में कहीं जाकर बसने और रहने का अधिकार
- G) भारत में व्यवसाय करने का अधिकार
- राष्ट्रीय आपातकाल 352 के तहत मौलिक अधिकार की आर्टिकल 19 को सस्पेंड किया जा सकता है यह अपने आप सस्पेंड हो जाता है
- आर्टिकल 20 A) आपराधिक मामलों में संरक्षण
- B) कार्योत्तर विधि के प्रति संरक्षण
- C) दोहरे दंड के प्रति समरक्षण अर्थात एक अपराध की वजह से एक सजा दी जाएगी
- D) आत्मअभीसनसन के प्रति संरक्षण इसका अर्थ यह है कि आप अपने अपराध का स्वयं गवाह नहीं बन सकते
- जीवित रहने का अधिकार निजता का अधिकार
- आर्टिकल 20 D) यह पुलिस ,सैनिक ,एनआईए के सदस्यों के लिए नहीं है
- मौलिक अधिकार की आर्टिकल 20 और 21 को सस्पेंड नहीं कर सकते किसी भी हालात में
- आर्टिकल 21 इसको 2002 मे 86 वे संशोधन में जोड़ा गया भारत में मुक्त सुनिश्चित शिक्षा का अधिकार (6 से 14 साल के बच्चों के लिए)
- आर्टिकल 22 आपको गिरफ्तार होने से न्यायिक हिरासत जाने में संरक्षण
3. शोषण के विरुद्ध अधिकार (आर्टिकल 23 और 24)
- आर्टिकल 23 मानव तस्करी एवं बंधुआ मजदूरी पर रोक
- आर्टिकल 24 चाइल्ड लेबर
4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (आर्टिकल 25,26,27,28)
- आर्टिकल 25 अपने धर्म का प्रचार
- आर्टिकल 26 धार्मिक कार्यों को करने का अधिकार
- आर्टिकल 27 किसी भी धर्म के व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने में टैक्स ना देने का अधिकार
- आर्टिकल 26 शिक्षण संस्थानों में धार्मिक शिक्षाओं का विवरण
5. कलात्मक और शिक्षा का अधिकार आर्टिकल (29 और 30)
- आर्टिकल 29 अल्पसंख्यकों का संरक्षण
- आर्टिकल 30 अल्पसंख्यकों को शिक्षण संस्थान खोलने का अधिकार तथा उसमें अपने धर्म के लोगों को आरक्षण देने का अधिकार
6. संपत्ति का अधिकार (आर्टिकल 31)
- 44 वें संविधान संशोधन 1978 के तहत आर्टिकल 31 को हटा दिया गया
- आर्टिकल 31 का आशय था कि लोग अपनी संपत्ति पर अधिकार रख सकते हैं और उसमें सरकार कुछ नहीं कर सकती जिससे बाद में सरकार को किसी काम के लिए जमीन की जरूरत पड़ती तो सरकार उसको ले नहीं सकती थी इससे सरकार के कामों जैसे सड़क का निर्माण हाईवे का निर्माण जहां पर सरकार चाहती वहां पर नहीं बन सकते क्योंकि जमीन नागरिकों की होती थी ऐसी समस्या को बंद करने के लिए सरकार ने संपत्ति का अधिकार आर्टिकल 31 को खत्म कर दिया जिससे अब सरकार नागरिकों के संपत्ति को ले सकती है उसके बदले में सरकार नागरिकों को पैसे अथवा दूसरी जमीन दे सकती है
7. संवैधानिक उपचारों का अधिकार (आर्टिकल 32)
- "यह मौलिक अधिकार संविधान का दिल और आत्मा है" डॉक्टर भीमराव अंबेडकर
- नागरिकों के मौलिक अधिकार के हनन होने पर सर्वोच्च न्यायालय चार प्रकार के रिट जारी कर सकता है
- बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश ,अधिकार पृच्छा , प्रति छेद
- रिट जारी करने का प्रस्ताव यूनाइटेड किंगडम के संविधान से लिया गया है
- सुप्रीम कोर्ट रिट जारी कर सकता है आर्टिकल 32 के तहत जबकि हाई कोर्ट रिट जारी कर सकता आर्टिकल 226 के तहत
जो नागरिक किसी दूसरे देश से हमारे देश में आए हैं उन लोगों के लिए हमारे लिए मौलिक अधिकारों में से कुछ मौलिक अधिकार इनके लिए भी है जैसे 14,20,21,21(A), 22,23,24,25,26,27,28
कुछ मौलिक अधिकार केवल भारतीयों के लिए हैं जैसे 15,16,17,18,19,29,30,32
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